सरकारी कार्यालय में महीनों से अटके पड़े अपने काम को करवाने का नुस्खा बुजुर्ग के हाथ लग चुका था।
वे सम्बंधित रिश्वतखोर बाबू के पास पहुंचे और एक-एक कर अपनी ऐनक, टोपी, कमीज, बनियान, पतलून उतारने लगे। बाबू चुपचाप उन्हें देखे जा रहा था। उसके चेहरे पर न कोई सिकन थी और न कोई प्रतिक्रिया।
हारकर बुजुर्ग ने अपना अंतर्वस्त्र भी उतारकर उसके टेबल पर रख दिया।
उस दिन से बुजुर्ग अस्पताल के मनोरोग विभाग में दाखिल हैं।
उस दिन से बुजुर्ग अस्पताल के मनोरोग विभाग में दाखिल हैं
जवाब देंहटाएंbharastrachar ki charamseema----
jai baba banaras
wah ....lage raho munna bhai se ek hi waky me bahar nikal aaye .....begreen laghukatha....badhai
जवाब देंहटाएंdilchasp aur kaargar.
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