एलियन की आँखों
से भारत
- शमीम अख्तर बानो
मूल बांग्ला से
अनुवाद - रतन चंद ‘रत्नेश’
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उड़न-तश्तरी पर
सवार होकर एक एलियन दूसरे ग्रह से इस धरती पर आया। उसे यहाँ विभिन्न देशों की
जानकारी प्राप्त करने के लिए भेजा गया था।
एलियन पहले
अमेरिका गया। वहाँ के वासिंदों से पूछने पर सबने एक ही बात कही कि वे अमेरिकन हैं।
उसके बाद पाकिस्तान जाने पर वहाँ भी यही
जवाब मिला - ‘मैं पाकिस्तानी हूँ।’
इसी तरह बांग्लादेश के
लोगों ने उस प्राणी को अपना परिचय बांग्लादेशी के रूप में दिया।
फिर एलियन भारत
आया। विभिन्न राज्यों में जाने पर उसे अलग-अलग परियच मिला। किसी ने कहा, मैं
गुजराती हूँ तो किसी ने खुद को बंगाली बताया। किसी ने अपना
परिचय ‘बिहारी’ के रूप में दिया। इस देश में किसी व्यक्ति ने
उसे अपना परिचय यह कहकर नहीं दिया कि मैं भारतीय या इंडियन हूँ ।
अपने ग्रह में
लौटकर ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए लिखा - ‘पृथ्वी पर इंडिया नाम का एक अद्भुत देश है, जहाँ एक भी इंडियन ढूंढे नहीं मिलता।