बहुत बढ़िया.
बहुत संदर ! पृष्ट सज्जा भी बेहद खूबसूरत ! सौब मिलिए दारूण होएछे।
अवसाद के क्षण में ठहाके ही तो सहारा होते है शेष जीवन तो प्रश्नों का ढेर है। सुन्दर कविता।
bahut sundar kavita
बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंबहुत संदर ! पृष्ट सज्जा भी बेहद खूबसूरत ! सौब मिलिए दारूण होएछे।
जवाब देंहटाएंअवसाद के क्षण में ठहाके ही तो सहारा होते है शेष जीवन तो प्रश्नों का ढेर है। सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंbahut sundar kavita
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